Friday, September 21, 2012

किस्मत

देखा था मैंने उसको मुझे घूरते हुए,
आँखों में उसकी मुझे एक भूक दिखी,
जब में खुद बैठा था एक गाड़ी में,
और मेरी हैसयत उससे बड़ी थी ,
पर उसकी आँखें वो बोल गई ,
जो बंद होठ भी न बोल पाए,
उसमे इतनी ताकत थी,
जो मेरे विचारो को हिल गए ,
और में यह सोचने बैठ गया,
की हैसयत सब कुछ नहीं,
भूक भी कुच्छ होती है,
जो उसने बोल मुझसे ,
शायद मुझमे बोलने की हिम्मत नहीं है,
गलती उसकी भी नहीं है की वो बहार धुप में खड़ा है ,
और में अंग्दर खिड़की बंद कर क बैठा हूँ,
यह सब नसीब का खेल है,
आज ख़राब है उसका,
और शायद कल मेरा हो,
छोटा बड़ा कोई नहीं है दोनों मेसे,
सब नसीब का खेल है,
अगर आज किस्मत ख़राब है उसकी,
शायद कल मेरी हो 

2 comments:

  1. awesome.. :)
    "Sab kismet ka khel hai,
    Agar aaj kismet kharaab hai uski,
    Shayad kal meri ho" - true lines..

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